उत्तर प्रदेश राज्य का भू नक्शा देखना अब बहुत आसान हो गया है, क्योंकि राजस्व बोर्ड ने आम नागरिकों के लिए नक्शा के लिए पोर्टल जारी कर दिया है। जिसकी मदद से खसरा विवरण,प्लॉट का मालिक नाम,भूमि साइज़ आदि को जान सकते हैं। ऑनलाइन होने की वजह से इसका सीधा लाभ आम लोगों को पहुँच रहा है। पहले इसके लिए कार्यालय में जाना पड़ता था, लेकिन जब से यूपी भूनक्शा को ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध कराया गया है, तब से तमाम कार्य को देखना बहुत सरल हो गया है। कुछ महत्वपूर्ण लिंक्स नीचे दिया गया है।
उत्तर प्रदेश भू नक्शा तथा विभाग।
भूनक्शा देखने की जरूरत लगभग सभी लोगों को कभी न कभी होती ही है। जब कोई व्यक्ति भूमि से रिलेटेड अपना या किसी अन्य का भूखंड का नक्शा देखने के लिए इच्छुक होता है,तो उसके पास पहले एक ही विकल्प था की वह सबंधित कार्यालय में जा कर मालूम करें। जिसमें लोगों को काफी दिक्कत होती थी और समय भी लगता था। इसलिए उत्तर प्रदेश राज्य के राजस्व विभाग ने भूमि से सबंधित बहुत से विवरण को ऑनलाइन माध्यम से जारी कर दिया। जिसमें भू नक्शा भी शामिल है।
भू नक्शा ऑनलाइन ऐसे देखें-
- पहले ऑफिसियल साइट को खोलें-https://upbhunaksha.gov.in/
- जिला नाम, तहसील, अपना गाँव नाम और प्लॉट संख्या को चुनें।
- इसके बाद जमीन मालिक का नाम,खाता नंबर, प्लॉट क्षेत्रफल आदि विवरण देख सकते हैं।
- Map Report बटन पर कर PDF में डाउनलोड कर बाकी जानकारी देख पाएंगें।

पोर्टल में लॉगिन प्रक्रिया।
- फर्स्ट Login पेज को खोलें।
- यूजरनेम और पासवर्ड को डालें, जिला और तहसील नाम चुनें।
- कैप्चा कोड को भरे और ‘Log In’ बटन पर क्लिक करें।

उत्तर प्रदेश भू नक्शा में जमीन के प्रकार-
भूमि खंड को विभिन्न प्रकार में वर्गीकरण किया गया है। आप भी अपना जमीन को जान सकते हैं की वह किस प्रकार भूमि है। नीचे टेबल में भूखंड प्रकार को दर्शाया गया है-
बंजर | तालाब |
खाद के गड्डे | कुंआ |
चकरोड | खलिहान |
आरओ | परती |
आबादी | रेखा रास्ता |
विभाग के संपर्क विवरण
ईमेल: borlko@nic.in
मुख्य कार्यालय: कंप्युटर सेल, राजस्व बोर्ड, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):
Q. क्या भूनक्शा पोर्टल से निकालें गए प्रति साक्ष्य के रूप में मान्य होता है?
नहीं, ऑनलाइन माध्यम से निकालें गए भू नक्शा प्रति को न्यायालय में साक्ष्य रूप में स्वीकार नहीं किया जाता है।
Q. प्रति को प्रमाणित करने के लिए यूजर को क्या करना होगा?
इसके लिए यूजर को जनपदीय अभिलेखागार से संपर्क कर सत्यापन कराना होगा, इसके बाद ही प्रति को प्रमाणित माना जाएगा।
Q. शजरा किसे कहा जाता है?
शजरा शब्द का तात्पर्य वैसे कागजात से जो पटवारी का तैयार किया गया नक्शा होता है, जो गाँव के जमीनों की पट्टियों के अनुसार विवरण को दर्शाता है।